About Shiv Chalisa

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लै त्रिशूल शत्रुन को मारो । संकट से मोहि आन उबारो ॥

Shri Shiv Chalisa is critical because it holds an unconditional hymn that is dedicated to Lord Shiva. Inside the chalisa, you will discover 40 verses that praise and invoke the blessings of Lord Shiva. The Chalisa works as a connector to attach devotees towards the divine energy of Lord Shiva and choose his pilotage, blessings, and protections.

तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥

अर्थ- हे प्रभु जब क्षीर सागर के मंथन में विष से भरा घड़ा निकला तो समस्त देवता व दैत्य भय से कांपने लगे आपने ही सब पर मेहर बरसाते हुए इस विष को अपने कंठ में धारण किया जिससे आपका नाम नीलकंठ हुआ।

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा। होय सिद्धि साखी गौरीसा।।

कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥

ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥

सब पर राम तपस्वी राजा। तिन के काज सकल तुम साजा।।

सोमवार के दिन आप सब से जल्दी उठ जाए और उसके बाद स्नान करें फिर पूजा घर में शिव जी माता पार्वती और नंदी को स्थापित करें तथा उन पर गंगा जल चढ़ाएं उसके उपरांत भगवान शिव की प्रतिमा पर तिलक लगाएं और पूजा आरंभ करें ध्यान रखें जी आप सबसे पहले गणेश भगवान की आरती करें और उसके बाद ही आप शिवजी की चालीसा करें शिवजी पर बेलपत्र अवश्य चढ़ाएं.

कहा जाता है कि भगवान शिव की पूजा जितनी की जाए उतनी ही कम है click here भगवान शिव की कृपा भी सबसे अधिक मानी जाती है क्योंकि जो व्यक्ति शिव भगवान की पूजा करता है और भगवान शिव अगर उस पर प्रसन्न होते हैं तो उस पर सदैव अपनी कृपा बनाए रखते हैं तथा उनकी प्रत्येक मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

लिङ्गाष्टकम्

Glory to Girija’s consort Shiva, that's compassionate to your destitute, who generally protects the saintly, the moon on whose forehead sheds its beautiful lustre, As well as in whose ears are the pendants with the cobra hood.

किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥

कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव…॥

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